दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में || Television Essay In Hindi

Television Essay In Hindi: तो दोस्तों अगर आप एक स्टूडेंट हो और कोई सी भी स्कूल में पढ़ रहे हो और आपकी विषयों में एक सब्जेक्ट जरूर होता है हिंदी और हिंदी के प्रश्न पेपर में अक्सर एक निबंध जरूर पूछा जाता है।

निबंध का टॉपिक कुछ भी हो सकता है तो आप लोगों को अलग-अलग निबंध के टॉपिक तैयार करने पड़ते हैं और उनको याद करना पड़ता है तो हमने यहां पर आप लोगों के लिए दूरदर्शन के ऊपर एक निबंध लिखा है या फिर यूं कहे की दूरदर्शन के लाभ और हानियां या फिर दूरदर्शन का क्या प्रभाव है।

दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में || Television Essay In Hindi
दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में || Television Essay In Hindi

हमारे दैनिक लाइफ में तो आप लोग इसको जरूर से पढ़ें और अपनी आने वाली एग्जाम्स में अगर इस तरह के टॉपिक्स पर निबंध आ जाए तो आप उस को आसानी से लिख पाए और कुछ अंक आप जरूर सुनिश्चित कर पाते हैं।

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  • दूरदर्शन का प्रभाव 
  • अथवा
  • दूरदर्शन : लाभ और हानियाँ 
  • अथवा 
  • दूरदर्शन
  • ” दूरदर्शन विज्ञान का अनुपम उपहार है ,
  • विश्व चित्र सम्मुख आ जाते चित्रों का यह हार है ।”

Television Essay In Hindi Class 1-12Th

विस्तृत रूपरेखा- 

  • ( 1 ) प्रस्तावना , 
  • ( 2 ) विज्ञान की अपूर्व देन , 
  • ( 3 ) दूरदर्शन का आविष्कार , 
  • ( 4 ) भारतवर्ष में दूरदर्शन का प्रथम शुभारम्भ , 
  • ( 5 ) दूरदर्शन से लाभ , 
  • ( 6 ) विभिन वर्गों के लिए लाभप्रद , 
  • ( 7 ) मनोरंजन का सुलभ साधन , 
  • ( 8 ) भावात्मक एकता का पोषक , 
  • ( 9 ) उपसंहार ।

प्रस्तावना – दिवस के अवसान अथवा सन्ध्या के समय सुबह से शाम तक थका हुआ मानव शारीरिक विश्राम के साथ मानसिक आराम भी चाहता है जिससे उसकी थकान मिट जाए और मन पुलकित हो उठे । इसके लिए वह जो भी उपाय अपनाता है उसे मनोरंजन कहते हैं । मानव सभ्यता के विकास के साथ – साथ मनोरंजन के साधनों में भी परिवर्तन हुए हैं । पहले कुछ दृश्य साधन थे तथा कुछ श्रव्य । या तो वह तस्वीरें देखता था या रेडियो , टेप सुनता था । घर बैठे या लेटे – लेटे यदि मनोरंजन हो तो क्या बात है ? प्राचीनकाल में धृतराष्ट्र अपने महल में बैठे – बैठे जैसे संजय द्वारा कुरुक्षेत्र के मैदान का आँखों देखा हाल सुनते थे वैसे ही दूरदर्शन के आविष्कार से हमें भी यह दृश्य – श्रव्य उपकरण लाभ पहुँचाता है । 

विज्ञान की अपूर्व देन – दूरदर्शन विज्ञान का एक अनुपम उपहार है । इसने मानव जीवन में एक हलचल पैदा कर दी है और समाज को थोड़े ही समय में तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर किया है । 

दूरदर्शन का आविष्कार – दूरदर्शन का आविष्कार सर्वप्रथम जे . एल . बेअर्ड महोदय ने 1926 में किया था । ये स्कॉटलैण्ड के रहने वाले थे । इन्होंने टेली कैमरे का आविष्कार किया । तथा इसका सफल प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया । यह फोटो इलेक्ट्रिक सेल की सहायता से कार्य करता है । रेडियो तरंगों की भाँति ही प्रकाश को विद्युत तरंगों में रूपान्तरित कर दूर तक प्रसारित किया जाता है और रिसीविंग सेट उसे ग्रहण करके प्रकाश में चित्रों को परिवर्तित कर स्क्रीन या परदे पर उतार देता है । पहले ये दृश्य काले एवं सफेद हुआ करते थे । अब ये रंगीन दृश्य संसार में कहीं भी देखे जा सकते हैं । जीवन्त प्रसारण में तत्कालीन दृश्य ज्यों के त्यों प्रसारित किये जाते हैं ।

भारतवर्ष में दूरदर्शन का प्रथम शुभारम्भ – हमारे देश में दूरदर्शन का प्रथम प्रसारण 1958 में दिल्ली में हुआ । उस समय दिल्ली में औद्योगिक एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । उस समय भारतीयों के लिए यह एक कौतुक भरी घटना थी । धीरे – धीरे इसका प्रचार – प्रसार होता गया । बाद में 1972 में मुम्बई में तथा 1973 में कश्मीर में दूरदर्शन केन्द्रों की स्थापना हुई । मध्य प्रदेश में 1978 में दूरदर्शन आया तथा उपग्रह द्वारा कार्यक्रमों का प्रसारण हुआ । उन दिनों अधिकांश कार्यक्रम शैक्षिक और ग्रामीण जीवन पर आधारित होते थे ।

दूरदर्शन से लाभ – (Doordarshan Ka Mahatva) दूरदर्शन के अनेक लाभ हैं , मुख्यतः इसके कुछ उद्देश्य स्पष्ट हैं । सर्वप्रथम यह मनोरंजन का प्रमुख साधन है । इससे हमें ध्वनि , प्रकाश और फोटोग्राफी का चमत्कार देखने को मिलता है । दूरदर्शन की निरन्तर बढ़ती हुई लोकप्रियता का कारण यह है कि इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग , आयु और व्यवसाय के अनुरूप अनेक कार्यक्रमों का प्रसारण होता है । प्रत्येक व्यक्ति की अपनी रुचि और आवश्यकता होती है और दूरदर्शन ही एक ऐसा साधन है जो प्रातः से अर्द्धरात्रि तक अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सभी की जरूरतें पूरी करता है । बच्चों , किशोरों , प्रौढ़ों , बुजुर्गों और महिलाओं के लिए अलग – अलग कार्यक्रम हैं । इसी प्रकार भिन्न व्यवसाय एवं रुचि वाले लोगों की भी मनोरंजन – तृप्ति दूरदर्शन से ही होती है ।

विभिन्न वर्गों के लिए लाभप्रद – बच्चों के लिए कार्टून फिल्में , किशोरों के लिए प्रश्न- मंच आदि कार्यक्रम | छात्रों के लिए यू . जी . सी . तथा इन्दिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रम , विज्ञान , इतिहास , राजनीति से सम्बन्धित कार्यक्रम | देश – विदेश में खेले जा रहे अनेक प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का जीवन्त प्रसारण गीत , नृत्य या फिल्मी संगीत में रुचि रखने वालों के लिए कार्यक्रम | साहित्यिक रुचि वालों के लिए मुशायरा , कवि सम्मेलन , साहित्यकारों का परिचय – परिचर्चा का प्रसारण । महिलाओं की प्रगति एवं जागृति के अनेक कार्यक्रम | ग्रामीण से लेकर शहरी महिलाओं के लिए अनेकानेक प्रकार के हस्तशिल्प उद्योग – धन्धों की जानकारी । भोजन या विविध व्यंजनों को बनाने की विधियों पर आधारित कई कार्यक्रम , घरेलू दवाओं , नुस्खों का ज्ञान । बुजुर्गों के लिए धार्मिक सन्त महात्माओं के प्रवचन । इन सभी कार्यक्रमों का आप घर बैठे लाभ उठा सकते हैं । 

राजनीति में रुचि रखने वालों के लिए तो दूरदर्शन जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है । देश – विदेश की खबरें , चुनाव – चर्चा , सभी पार्टियों का आकलन , क्रिया – कलाप और समस्त राजनैतिक व्यक्तियों की समग्र जानकारी हमें दूरदर्शन से प्राप्त होती है । कहा जाता है कि केवल सुनकर बात हृदयंगम नहीं होती । यदि वह दिखायी दे तो सहजता से ग्रहण होती है । अतः छात्रों को यदि दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षा दी जाय तो अधिक लाभ होगा । शासन यदि अधिक से अधिक शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करे ।

विभिन्न प्रकार की मौसम सम्बन्धी जानकारी हमें प्राप्त होती है । आँधी , तूफान , वर्षा , भूकम्प आदि से सम्बन्धित पूर्व सूचनाएँ हमें दूरदर्शन से मिलती हैं । 

मनोरंजन का सुलभ साधन – यह मनोरंजन का सबसे सस्ता एवं सुविधाजनक उपकरण है । अफगान – अमेरिका का युद्ध हो या जापान की जीवन झाँकी , आस्ट्रेलिया का क्रिकेट मैच हो या ओलम्पिक , देश में गणतन्त्र दिवस की परेड हो या चुनाव की हलचल सभी कुछ दूरदर्शन पर देखना सुलभ हैं । दूरदर्शन में विज्ञापनों के माध्यम से हमें अनेकानेक नवीन उपकरणों और वस्तुओं के आविष्कार की जानकारी मिलती है । यह विज्ञान का सशक्त जरिया है । इससे व्यापार बढ़ाने के अवसर मिलते हैं ।

भावात्मक एकता का पोषक – दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों से सामाजिक सुधार को दिशा मिलती है । सभी धर्मों के त्यौहारों का सजीव दृश्य हम दूरदर्शन के माध्यम से देखकर जानकारी प्राप्त करते हैं , इससे भावनात्मक एकता सुदृढ़ होती है । कई कार्यक्रम तो इतने लोकप्रिय हुए कि सभी धर्म , जाति तथा उम्र के लोग उसे बड़े चाव से देखते थे , जैसे- रामायण , श्रीकृष्ण , महाभारत , टीपू सुल्तान आदि । इनके प्रसारण के समय शहर सुनसान हो जाता था । आज का किशोर दूरदर्शन के कार्यक्रमों को देखने में व्यस्त हो जाता है तो समाज में अपराध और लड़ाई – झगड़े कम होते हैं । किसी वस्तु को हम पूरी तरह से अच्छा या बुरा नहीं कह सकते । हम उसका उपयोग किस प्रकार करते हैं उस पर उसकी महत्ता निर्भर करती है । दूरदर्शन से जहाँ अनेक लाभ हैं वहाँ कुछ हानियाँ भी हैं । छात्र यह बात ध्यान में रखें कि ‘ अति सर्वत्र वर्जयेत् ‘ अर्थात् हर समय दूरदर्शन के सामने न बैठे रहें । उससे आँखों पर तो बुरा प्रभाव पड़ता ही है , साथ ही समय भी नष्ट होता है और अनेक जरूरी काम रह जाते हैं । इसलिए वे अपनी रुचि और उपयोगिता के अनुसार कुछ कार्यक्रम पसन्द कर लें और केवल उन्हीं को देखें । विज्ञान तथा सामान्य ज्ञान के प्रश्न मंच तथा परिचर्चा देखें । शैक्षिक प्रसारण से लाभ लें ।

उपसंहार– यदि दूरदर्शन पर स्वस्थ , शालीन कार्यक्रमों का प्रसारण हो तो ऐसे उपयोगी ज्ञानवर्द्धक सूचनाओं से गुणात्मक विकास होगा । विवेक और संयम से तथा अभिभावकों की अनुमति तथा सलाह से यदि छात्र दूरदर्शन का उपयोग करेंगे तो वह उनकी जीवन की प्रगति में सहायक होगा ।

Final Words: तो दोस्तों हमने आप लोगों को ऊपर दूरदर्शन के प्रभाव या फिर यूं कहें कि दूरदर्शन से होने वाले लाभ और हानियां या फिर दूरदर्शन के ऊपर जो निबंध लिखकर दिया है वह आप लोगों को अच्छा लगा होगा और आप लोगों को समझ में क्या होगा।

मुझे पूरी उम्मीद है कि इस टॉपिक की या फिर यूं कहें कि दूरदर्शन के ऊपर जो निबंध (Television Essay In Hindi) ऊपर लिखा हुआ है उसको आप लोगों ने जरूर से अच्छे से पढ़ा होगा और अगर इस टॉपिक पर निबंध अगर परीक्षा में आ जाता है तो आप दूरदर्शन पर जरूर निबंध लिख पाओगे।

और अगर आप लोगों को यह दूरदर्शन का निबंध (Television Essay In Hindi) पढ़ने और समझने में अच्छा लगा हो तो आप अपने सभी सहपाठी को भी जरूर शेयर कर सकते हो उनको व्हाट्सएप पर आया फिर फेसबुक पर शेयर कर दो ताकि वह भी दूरदर्शन के ऊपर निबंध पढ़ सके और आने वाली अक्षांश में दूरदर्शन का निबंध अगर पूछा जाता है तो वह भी जरूर लिख पाएगा। दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में

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