होली पर निबंध || Holi Essay In Hindi || Holi Par Nibandh In Hindi 01-12th

Holi Par Nibandh In Hindi: होली पर निबंध हमने यहां पर होली के ऊपर निबंध लिखा है और इसमें होली के बारे में सभी जानकारियां दी है होली क्यों मनाई जाती है होली का त्योहार का महत्व होली पर निबंध लिखकर हमने जो भी स्टूडेंट है वह होली पर निबंध की तैयारी कर रहे हैं।

होली पर निबंध || Holi Essay In Hindi || Holi Par Nibandh

तो आप यहां पर हमारे द्वारा लिखे गए होली के निबंध पढ करके आप अपने निबंध की तैयारी कर सकते हो यहां पर हमने अलग-अलग सब शब्दों की लंबाई में होली के निबंध को लिखा है आप सभी क्लास के लिए पहली से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए यहां पर हमने निबंध अलग-अलग पैराग्राफ में दिया है आप नीचे जाकर पढ़ोगे तो आप लोगों को समझ में आ जाएगा।

होली पर निबंध Class 4 || Holi Par Nibandh

निबंध 1 (150 – 300 शब्द ) (क्लास – 1,2,3,4,5)

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  • होली पर निबंध 150 शब्द
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प्रस्तावना: होली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है होली का त्योहार अधिकतर मार्च के महीने में आता है। होली विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाई जाती है, होली का त्योहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।

होली मनाने की तैयारियां: होली आने पर होली की तैयारियां लोग बड़े धूमधाम से करते हैं और घरों की साफ-सफाई भी करते हैं। और इन सब तैयारियों में 1 दिन से अधिक का समय भी लग जाता है। होली आने पर विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।

होली मनाने की तैयारियां लोग अपने बच्चों के लिए कपड़े और खिलौने भी खरीदते हैं।

होली का त्योहार कैसे मनाते है : होली भारतवर्ष के सभी त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे रंगों के द्वारा मनाया जाता है। इस त्यौहार में लोग बहुत ही धूमधाम से एक दूसरे के ऊपर रंग छिड़क ते हैं पिचकारी मारते हैं रंगों की ओर पूरा दिन बहुत ही उत्साह पूर्वक रंगों में डूब जाते हैं और पूरा दिन कैसे निकल गया पता ही नहीं चलता है और फिर रंग खेल खेल कर लोगों को भूख लगती है और वह घर पर बने विभिन्न प्रकार के पकवानों का मजा उठाते हैं। होली के त्यौहार में बच्चों के साथ-साथ बूढ़े और जवान लोग भी बच्चों की तरह होली खेलते हैं यानी की पूरी तरीके से होली के रंगों में मगन हो जाते हैं।

और होली से पहले होलिका का दहन 1 दिन पहले किया जाता है और अगले ही दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है।

निष्कर्ष: होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में होली के त्यौहार को जाना जाता है और भारत के नए युवा पीढ़ी इन प्राचीन त्योहारों से कुछ पूरी तरीके से वाकिफ नहीं है इससे इतना महत्व नहीं दे रही है यह आने वाली पीढ़ी तो निष्कर्ष यही है कि हम भारतवासी हैं और हमें हमारी प्राचीन त्योहारों पर गर्व होना चाहिए और इसे पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाना चाहिए हमें हमारी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए होली 1 रंगों के त्यौहार है और यह सभी की जिंदगी में रंगला ही देती है।

होली पर निबंध Class 6 || Holi Par Nibandh

निबंध 2 (400-500 शब्द) (Class 6,7,8)

  • होली पर निबंध 500 शब्दों में
  • होली पर निबंध Class 6
  • होली पर निबंध Class 7
  • होली पर निबंध Class 8
  • Holi Par Nibandh Class 8

प्रस्तावना: होली का त्यौहार प्राचीन समय से पूरे हिंदुस्तान में विभिन्न दसको से मनाते चले आ रहे हैं होली के त्यौहार मुख्य रूप से हिंदू धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। वैसे तो होली पूरे भारत के लोगों के द्वारा मनाई जाती है पर मुख्य रूप से हिंदू धर्म का त्योहार है होली। होली के त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी प्रसिद्ध है होली। होली एक ऐसा त्यौहार है जिससे रंगों के बिना नहीं मनाया जा सकता है। होली का त्योहार सभी लोगों की जिंदगी में खुशियों का रंग भर देता है।

विभिन्न संस्थानों पर होली: होली का त्यौहार आते ही विभिन्न प्रकार की गवर्नमेंट संस्थानों और प्राइवेट संस्थानों पर अवकाश घोषित की जाती है।

विभिन्न संस्थाओं में और स्कूलों कॉलेजों में होली की छुट्टी देने से पहले सभी टीचर और स्टूडेंट एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं एक दूसरे को और फिर होली का त्यौहार खुशी से बनाने की शुभकामनाएं देकर विदा हो जाते हैं।

होली के त्यौहार की तैयारियां कैसे करें: होली के त्यौहार की तैयारियां करने में बड़ा ही मजा आता है और बहुत उत्सुक होते हैं होली की तैयारियां करने के लिए होली की तैयारियों में घरों की साफ-सफाई यहां और पूरे घर को व्यवस्थित ढंग से तैयार किया जाता है।

और रिश्तेदारों को भी अपने घर आने का निमंत्रण दिया जाता है और रिश्तेदार आते हैं तो उनका बड़े धूमधाम से स्वागत किया जाता है।

होली की तैयारियां में बहुत सारे पकवान बनाए जाते हैं जैसे कि गुलाब जामुन पापड़ जलेबी पूड़ी सब्जी खीर और भजिए आदि प्रकार के पकवानों को बनाकर तैयार किया जाता है और फिर इसको बड़े आनंद के साथ घर के सभी लोग मिलकर पकवानों का मजा उठाते हैं और जो भी रिश्तेदार वगैरा आते हैं वह सभी  मिलकर होली के पकवानों का मजा उठाते हैं।

और फिर होली की तैयारी में लोग अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं और उनके लिए रंग खरीदते हैं और रंगों के साथ-साथ पिचकारी गुब्बारे खिलौने आदि खरीदते हैं और अपने बच्चों को घर जा कर देते हैं।

फिर होली के दिन बच्चे रंगों को बाल्टी में भर कर पिचकारी से एक दूसरे पर रंगों का छिड़काव करते हैं विभिन्न विभिन्न रंग होते हैं जिनके कारण उनके कपड़े और शरीर पूरी तरीके से रंगों से रंगरस्त हो जाते हैं।

बाजारों की रोनक: होली के त्योहार के दिनों में बाजारों की रौनक कुछ अलग ही तरीके से दिखाई देती है पूरा बाजार रंग बिरंगे खिलौने और रंगों खिला हुआ रहता है। दुकानदार भी बड़ी उमंग और उत्साह के साथ ग्राहकों के साथ मौज मस्ती के साथ व्यापार भी करते हैं।

संध्या में मित्रों से मेल-मिलाप: पूरा दिन होली के रंगों में रंगने के बाद लोग स्नान और फ्रेश होकर फिर संध्या मैं अपने नए कपड़े पहन कर अपने सभी दोस्तों और छोटे बड़ों से मिलते हैं और उनको होली की बहुत सारी शुभकामनाएं देते हैं।

निष्कर्ष/उपसंहार: होली का त्यौहार एक अधर्म पर धर्म की जीत पर मनाया जाता है। और होली के त्यौहार को एक बुराई पर विजय और अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से हमें यह सीख मिलती है कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर हो पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

हमें जिंदगी में हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार इंसान की सोचने और समझने किस शक्ति को दुर्बल बना देता है या फिर खत्म हो जाती है।

होली का त्यौहार रंगों के त्योहार के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहां पर अहंकार वाले वाले रंगों को यह रंगीन बना देता है।

होली का त्योहार हमारे प्राचीनतम त्योहारों में से दो में से एक त्यौहार है जिसे हम भारतीयों को कभी भूलना नहीं चाहिये और हमारे इस प्राचीनतम संस्कृति को हमें नई युवाओं को आगे तक ले कर जाना है हमारी इस प्राचीनतम त्योहारों को राजेंद्र दीवारों में से होली भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

तो इस लेख से यह निष्कर्ष निकलता है कि हमें हमारी प्राचीनता पर गर्व होना चाहिए और होली को बड़े धूमधाम उत्साह उमंग के साथ मनाना चाहिए और इससे क्या सीख मिलती है कि बुराई कितनी भी बड़ी हो पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है।

Holi Essay In Hindi || Holi Par Nibandh

निबंध 3 (600-800 शब्द) (Class 9,10,11,12)

  • होली पर निबंध Class 9
  • होली पर निबंध class 10

प्रस्तावना: होली का त्योहार मार्च के महीने में आता है। होली के त्यौहार आते ही लोगों को यह समझ में आ जाता है कि अब गर्मी आने वाली है क्योंकि होलीका जलती है तो कितनी गर्मी लगती है इससे यह प्रतीत होता है कि अब गर्मी आने वाली है। होली का त्यौहार रंगो के त्यौहार होता है जिसमें एक दूसरे को रंग लगाते हैं और रंगों का छिड़काव करते हैं पिचकारी मारते हैं और बड़े धूमधाम से मनाते हैं और होली पर बहुत सारे पकवान भी बनाए जाते हैं जिसका आनंद घर के सभी लोगों के द्वारा साथ मिलकर शाम के भोजन के रूप में किया जाता है और घर के सभी सदस्य लोग बहुत ही खुश होते हैं होली के त्यौहार को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि रंगों का त्योहार।

होली गीत: होली पर बहुत सारे गीत गाए जाते हैं और होली पर हिंदी संगीत भी बहुत सारे हैं और बहुत सारे अलग-अलग भाषाओं में होली के गीत गाए जाते हैं पर मुख्य रूप से होली के गीत को लोकगीतों को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है होली के पावन अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों और गांव मोहल्ला और कस्बों के लोगों के द्वारा अपने लोक गीत गाए जाते हैं और इन गीतों का आनंद उठाते हैं और मौज मस्ती से गाते हैं।

होली की तैयारी: कोई भी त्यौहार आता है तो उसकी तैयारी करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि तैयारी के बिना मजा नहीं आता उस से एक बार को बनाना है वैसे ही होली के आने की खुशी में होली की बहुत सारी तैयारियां की जाती है।

होली की तैयारियों में 1 से 2 दिन का समय तक ही लग जाता है होली की तैयारियां करने में।

होली के पावन अवसर पर बाजारों से नए कपड़े खरीदे जाते हैं और साथ ही खिलौने भी खरीदे जाते हैं अपने बच्चों के लिए।

होली की तैयारियों में घरों में औरतों के द्वारा विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं पापड़ वगैरह बना कर घर की छतों पर सुखाए जाते हैं और फिर होली के दिन पापड़ों को को तल कर निकाल कर सभी घर के वासियों के द्वारा बहुत ही आनंद के साथ खाए जाते हैं।

और बच्चे भी होली की तैयारियां भारती बड़े धूमधाम से करते हैं क्योंकि उनको तरंगों के साथ बहुत ज्यादा खेलना होता है बाल्टी और पिचकारी ओं का खरीदना और सभी को संभाल कर रखते हैं और उनको फिर होली के दिन पिचकारी रंगों के साथ खेलना है।

बाजारों में होली का उत्सव: बाजारों में होली के उत्सव की कुछ अलग ही रौनक होती है और सभी दुकानदार अपनी दुकानों पर खिलौने गुब्बारे और सभी रंग बिरंगे प्रकार के रखते हैं और रंगों को भी रखते हैं और वह अपने कस्टमर से बड़े उत्साह और आनंद के साथ बातें करते हुए व्यापार करते हैं और होली के बारे में भी चर्चा करते हैं।

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध होलियां: राजस्थान के प्रसिद्ध होली तमाशा होली।

पंजाब की होली में पंजाब में होला मोहल्ला का मेला।

महाराष्ट्र में होली की प्रसिद्ध रंग पंचमी।

होली के त्यौहार में बंगाल में प्रसिद्ध डोल पुर्णिमा।

हरियाणा के प्रसिद्ध होली धुलेटी होली।

बिहार के प्रसिद्ध होली फगुआ होली।

और बरसाना की प्रसिद्ध होली में लट्ठमार होली।

होली से जुड़ी सामाजिक कुर्तियां: कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि होली जैसे महान पर्व को भी बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पदार्थों का सेवन करके हंगामा करते नजर आते हैं। और कुछ लोग होलिका दहन में टायरों को डालकर जलाते हैं। इन लोगों को इतना भी अंधेरा नहीं होता है कि टायरों से को जलाते हैं तो उसमें से निकलने वाला धुंआ बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो सामान्य रंग और गुलाल की जगह पेंट और गिरीश आदि लगाने का गंदा काम भी करते हैं।

इन सभी होली की कुर्तियों को लोग अच्छे से समझ जाए और दूर रहे इन सभी कुर्तियों से तो होली वास्तव में एक बहुत खुशहाली क्या त्यौहार है और हम सब लोगों को बहुत ही ज्यादा खुशियां देखा जाता है।

वर्तमान मे होली का स्वरूप: इस नए बदलते जमाने के साथ तोहार मनाने का तरीका तोड़ तरीके वगैरा भी बदलते जा रहे हैं वर्तमान में होली का त्योहार मनाने का स्वरूप भी बदल गया है।

वर्तमान में होली के त्यौहार पर कुछ लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं और इस त्यौहार को एक नशे के त्यौहार के रूप में मनाते हैं।

होली के त्यौहार पर लोग नशे में इतने दुरुस्त हो जाते हैं और बहुत सारे लोगों को नुकसान पहुंचता है और झगड़ा करते हैं जिससे होली का पूरा माहौल खराब हो जाता है।

होली के त्यौहार को आजकल के जमाने के युवाओं द्वारा इतना महत्व नहीं दिया जाता है पता नहीं ऐसा क्यों पर हमें अपनी प्राचीनतम संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए इन युवाओं को यह बात समझनी चाहिए।

कुछ लोग तो होली के त्यौहार को एक व्यापार के रूप में भी देखते हैं यानी कि एक बिजनेस की तरह समझते हैं वह कभी त्यौहार को त्यौहार के रूप में नहीं मनाते हैं।

कुछ लोग होली के त्यौहार को एक बोरिंग यानी कि कुछ अलग ही नजरिए से देखते हैं वह होली को होली की नजर से नहीं देखते हैं और वह सही ढंग से होली नहीं मनाते हैं बस होली में दिखावा करते हैं होली मनाने का बट अंदर से वह होली नहीं मनाते हैं।

निष्कर्ष / उपसंहार: होली का त्योहार हमें बड़े धूमधाम से मनाना चाहिए और सभी को खुशी खुशी होली के त्यौहार में रहना चाहिए और या त्यौहार हमें यह सिखाता है कि बेरंग दुनिया में भी रंग भर जाता है।

होली का त्यौहार हमें यह सिखाता है कि दुनिया में चाहे कितनी भी बड़ी बुराई की ताकत हो पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

होली के त्यौहार से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें हमेशा खुशी-खुशी रहना चाहिए और किसी पर अपना अहंकार नहीं रखना चाहिए क्योंकि आंगन अपने अंदर की मन की शक्ति और अपने अंदर के असल इंसान को मार देता है और एक अहंकार इंसान बन जाता है जो कुछ समझता ही नहीं है।

तो होली का त्यौहार इसलिए अहंकार को जलाकर नष्ट कर देता है यानी कि इस सेवा से हमें समझ जाना चाहिए कि अहंकार के हमेशा हार ही होती है।

Conclusions: तो दोस्तों हमारे द्वारा दिए गए ऊपर होली पर निबंध लिखा है वह आप लोगों को काफी अच्छे से समझ में आया होगा यह हम आप लोगो से उम्मीद करते हैं।

होली पर निबंध हमने 3 चरणों में लिखा है पहला भाग दूसरा भाग निबंध और तीसरा भाग निबंध पहले वाले निबंध में हमने कम शब्द लिखे हैं और दूसरे वाले में थोड़े और ज्यादा और तीसरे वाले में हमने विस्तार पूर्वक लिखा है।

और अगर आप एक स्टूडेंट हो और आप पर आने वाले एग्जाम्स के लिए होली पर निबंध तैयार कर रहे हैं तो आपको यह आने वाले एग्जाम्स में आएंगे तो आप जरूर उसको लिख पाओगे अच्छे तरीके से और अगर आप अपने फ्रेंड को भी शेयर करना चाहते हो तो इसका लिंक जरूर शेयर करें ताकि आपके फ्रेंड को भी होली पर निबंध पढ़े और उसको भी हेल्प हो सके।

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