Jeevan Me Khelo Ka Mahatva Par Nibandh: तो फ्रेंड्स एंड स्टूडेंट आज हम आप लोगों को विद्यार्थी जीवन और खेल पर निबंध देने वाले हैं या फिर यूं कहें कि खेल और अनुशासन के बारे में निबंध देने वाले हैं या फिर यह भी कह सकते हैं जीवन में खेलों के महत्व पर निबंध इन सभी टॉपिक्स पर आज हम निबंध आप लोगों को देने वाले हैं।
अगर आप स्कूल के किसी भी क्लास में है पहली से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए यह निबंध परफेक्ट है अगर आप इस निबंध को अच्छी तरीके से पढ़ लेते हो तो आपके आने वाली एग्जाम्स मैं यहां आने की संभावना हो सकती है जिससे आपके कुछ अंत निश्चित रूप से आ जाएंगे अगर आपकी परीक्षा में इस टॉपिक पर निबंध पूछा जाए तो आप इसको आसानी से लिख पाओगे तो आप नीचे जाकर विद्यार्थी जीवन और खेल पर निबंध पूरा पढ़ लीजिएगा तो आपको पूरा का पूरा समझ में आ जाएगा।
- विद्यार्थी जीवन और खेल
- अथवा
- खेल और अनुशासन
- अथवा
- जीवन में खेलों का महत्त्व
- “ शक्ति बढ़े फुर्ती लहे , चोट न अधिक पिराय ।
- अन्न पचे , चंगा रहे , खेल हैं सदा सहाय ॥”
Khelo Ka Mahatva Par Nibandh In Hindi Class 1-12 Th
विस्तृत रूपरेखा-
- ( 1 ) प्रस्तावना ,
- ( 2 ) विकास का साधन ,
- ( 3 ) खेलों से सामाजिकता की भावना का विकास ,
- ( 4 ) विद्यार्थी जीवन में खेल की आवश्यकता ,
- ( 5 ) मनोरंजन का साधन ,
- ( 6 ) उपसंहार ।
प्रस्तावना – जिस प्रकार स्वस्थ शरीर के लिए खाना – पीना आवश्यक है , उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जीवन में खेलों का भी अत्यन्त महत्व है । मनुष्य यदि केवल खाता – पीता ही रहे तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता , अपितु उस खाये- पिये को पचाने के लिए , अच्छी भूख लगाने के लिए और शरीर के रक्त संचार आदि को उचित रखने के लिए व्यायाम करना अथवा खेलना अत्यन्त आवश्यक है ।
विकास का साधन – मनुष्य के सर्वांगीण विकास में खेलों का अत्यन्त महत्त्व है । खेलने मनुष्य के मन में स्फूर्ति और उत्साह उत्पन्न होता है जिससे जीवन की अनेक चिन्ताओं और तनावों से मुक्ति पाकर उसका मन अत्यन्त प्रसन्न हो जाता है । इसका प्रभाव मनुष्य के तन और मन पर स्पष्ट रूप से पड़ता है । इससे मनुष्य का मनोबल ऊँचा होता है व उसमें आगे बढ़ने की ललक उत्पन्न होती है । उसके विचारों में निश्चितता और दृढ़ता आती है । इसी के साथ संसार में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए मन में महत्वाकांक्षा भी उत्पन्न होती है । आज हमारे देश ने क्रिकेट , कबड्डी , टेनिस आदि खेलों में विश्व में अपना उच्चस्तरीय स्थान बनाया है । देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को देखकर अन्य खिलाड़ियों में भी जोश उत्पन्न होता है तथा खेलों में प्रतिस्पर्धा की भावना से उनका उत्तरोत्तर विकास होता है ।
खेलों से सामाजिकता की भावना का विकास – खेल मनुष्य में सामाजिकता की भावना का अभ्युदय करते हैं । उदाहरणत : जब भारत की टीम और पाकिस्तान की टीम साथ – साथ खेल खेलती हैं , तो मन के अन्दर की अलगाव और कटुता की भावना स्वतः ही समाप्त हो जाती है और उनमें परस्पर सौहार्द्र और बन्धुत्व की भावना का विकास होता है ।
विद्यार्थी जीवन में खेल की आवश्यकता– विद्यार्थी जीवन में खेल की आवश्यकता है । खेल से विद्यार्थी के मन में स्फूर्ति और ताजगी उत्पन्न होती है । इससे वह अपना अध्ययन कार्य अच्छी तरह करता है । परस्पर खेलों में स्पर्द्धा होने से उनके तन और मन की क्षमता और कुशलता में भी अभिवृद्धि होती है ।
मनोरंजन का साधन – दिनभर कोल्हू के बैल की तरह काम करने वाला मानव या शिक्षा के बोझ से दबा हुआ विद्यार्थी शारीरिक और मानसिक श्रम से इतना अधिक श्रान्त हो जाता है कि उसे कुछ मनोरंजन की आवश्यकता होती है । ऐसे में खेल उसका भरपूर मनोरंजन करते हैं । जब खिलाड़ी खेल के मैदान में अपने करतब दिखाते हैं तब दर्शकगण भी उत्साह से आह्लादित हो उठते हैं । वे अपनी थकान , तनाव आदि भूलकर खेलों के आनन्द में डूब जाते हैं ।
उपसंहार – इस प्रकार खेल मनुष्य के मन और तन को प्रसन्न तथा स्वस्थ रखते हैं । जीवन में सामाजिकता , मित्रता , भाईचारे आदि की भावना का विकास खेलों से ही होता है । अत : जिस प्रकार जीवन में खाना – पीना , पढ़ना – लिखना आवश्यक है उसी प्रकार तन – मन को स्वस्थ , प्रसन्न और आह्लादित रखने के लिए खेलों का अत्यन्त महत्त्व है ।
Final Words: तो फिर और स्टूडेंट हमने आप लोगों पर आप पहले से लेकर कक्षा बारहवीं तक के स्टूडेंट के लिए विद्यार्थी और अनुशासन के बारे में निबंध लिखा है वह आप लोगों को काफी अच्छा समझ में आया होगा यह हम आप लोगों से उम्मीद रखते हैं और अगर आप लोगों को अच्छे से समझ में आया है तो आप अपने फ्रेंड को भी बताइए और उनको भी यह लिंक शेयर करिए ताकि वह अभी निबंध पढ़ सके और आने वाले अक्षांश में इस तरह का टॉपिक पर निबंध पूछे जाए तो वह आसानी से लिख पाए।
Nice