आज हम आप लोगों को बताएंगे छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय चिन्ह है या यूं कहें कि राजकीय प्रतीक चिन्हों के बारे में। Chhattisgarh Ke Rajkiya Pratik Chinh
अगर आप छत्तीसगढ़ राज्य से हो और आप किसी भी गवर्नमेंट एग्जाम की तैयारी कर रहे हो और आप छत्तीसगढ़ राज्य से हो तो यह सामान्य जानकारी आपको पता होना जरूरी है क्योंकि आने वाली कंपटीशन के एग्जाम में इस तरह के क्वेश्चन भी पूछे जा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह
छत्तीसगढ़ राज्य के पशु पक्षी पुष्प वृक्ष खेल आदि के क्वेश्चन आने वाले एग्जाम की दृष्टि से देखा जाए तो इस तरह के क्वेश्चन घुमा फिरा कर दे सकते हैं तो आप इनको पूरा पढ़ लीजिए तो आपको पूरी जानकारी हो जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी।
मध्यप्रदेश राज्य से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ है।
छत्तीसगढ़ के राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य दिवस पर बहुत सारे पशु पक्षी पोस्ट को वृक्ष आदि को राजकीय बनाने के लिए प्रस्ताव रखा और उनको राज्य पशु पक्षी वृक्ष आदि का दर्जा दिया गया है या यूं कहे कि राजकीय प्रतीक चिन्ह का दर्जा दिया गया है।
तो छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह कुछ इस प्रकार निम्नलिखित नीचे दिए गए हैं
छत्तीसगढ़ का राज चिन्ह
छत्तीसगढ़ के राजकीय राज्य प्रतीक चिन्ह एक गोलाकार आकृति में बना हुआ है। इस गोलाकार आकृति के बीच में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ लाल रंग का दर्शाया गया है।
और इसकी यह गोलाकार आकृति बाहर की ओर 36 किले (गढ) अंकित है।
और गोले के अंदर अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते वाक्य लिखा हुआ है।
और इसमें धान की सुनहरी दो बालियों को आमने सामने रखकर गोल आकृति बनाते हुए दर्शाया गया है।
और गोले के अंदर नीचे की ओर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को भी नदियों की लहरों के रूप में दर्शाया गया है।
और इसमें उर्जा चिन्ह को भी दर्शाया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पशु
जंगली भैंसा को छत्तीसगढ़ का राज्य पशु घोषित किया गया है छत्तीसगढ़ प्रशासन के द्वारा और इसको वन भैंसा के नाम से भी जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले वनभैंसा की नस्लें सर्वाधिक शुद्ध मानी जाती है यानी कि इनका एक विशेष महत्व होता है अपने आप में।
पहले यह प्रजाति बस्तर और अमरकंटक के जंगलों में सर्वाधिक पाई जाती थी लेकिन बढ़ती जनसंख्या और रहवास के कारण जंगल को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है और साथ ही साथ जंगली भैंसा की भी संख्या में काफी गिरावट आई है।
अभी के समय में वन भैंसा है या फिर यूं कहें कि जंगली भैंसा को मुख्यतः दंतेवाड़ा जिले के उदंती अभ्यारण और इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में देखा जा सकता है।
और जंगली भैंसा (Wild Buffalo) का वैज्ञानिक नाम है (Bubalus Bubalis) हैं।
छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी || Chhattisgarh Ka Rajkiya Pakshi
पहाड़ी मैना को छत्तीसगढ़ राज्य ने छत्तीसगढ़ की राज्य पक्षी घोषित किया गया है।
यह पहाड़ी मैना बिल्कुल तोते की तरह मनुष्य की आवाज की नकल कर सकती है।
पहाड़ी मैना को सुरक्षित करने के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में से संरक्षित किया गया है।
पहाड़ी मैना मुख्य रूप से बस्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है।
पहाड़ी मैना के शिकार और इसके अवैध व्यापार को रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
अवैध शिकार और व्यापार के कारण पहाड़ी मैना की प्रजाति एक संकटग्रस्त प्रजाति में आ गई है।
पहाड़ी मैना (Hil Myna) का वैज्ञानिक नाम है (Gracula Religious Peninsularis)
छत्तीसगढ़ का राजकीय पुष्प
गेंदा के फूल को छत्तीसगढ़ राज्य के प्रशासन ने गेंदा के फूल को छत्तीसगढ़ राज्य का राज्य पुष्प घोषित किया गया है।
- और गेंदा का फूल पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में पाए जाते हैं।
- और यह एक तरह के मौसमी फूल है।
- गेंदा के फूल का अंग्रेजी नाम मेरी गोल्ड है।
- और गेंदा के फूल का वैज्ञानिक नाम है, (Rhynchostylis Gigantea)
छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष
साल वृक्ष को छत्तीसगढ़ राज्य के राज्य प्रशासन ने इसे छत्तीसगढ़ राज्य का राज्य वृक्ष घोषित किया गया है।
साल वृक्ष की लंबाई लगभग 12-30 मीटर तक होती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में साल वृक्षों की संख्या लगभग एक तिहाई वन पाई जाती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में साल वृक्षों की संख्या सर्वाधिक बस्तर जिले में पाए जाते हैं इसलिए बस्तर जिले को साल वृक्षों का दीप या फिर साल वन का दीप भी कहा जाता है।
साल वृक्ष की लकड़ी का उपयोग इमारती लकड़ी के रूप में किया जाता है।
साल वृक्ष का वैज्ञानिक नाम (Shorea Robusta).
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा
छत्तीसगढ़ राज्य की छत्तीसगढ़ी भाषा को छत्तीसगढ़ प्रशासन ने छत्तीसगढ़ राज्य की राजभाषा का दर्जा दे दिया गया है।
छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा बनाने के लिए 25 नवंबर 2007 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधेयक को प्रस्तुत किया गया था।
छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा बनाने के लिए जो विधेयक प्रस्तुत किया गया था उसमें यह भी लिखा गया था कि हिंदी भाषा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी भाषा को भी अपनाया गया है।
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत
अर्पा पेरी के धार…. गीत को छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय गीत घोषित किया गया है यह गीत कवि डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा के द्वारा लिखा गया था।
अरपा पैरी के धार गीत को छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय गीत घोषित 3/11/ 2019 को राज्य उत्सव के तृतीय दिन मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल के द्वारा किया गया है।
डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा जी इस गीत के रचनाकार है।
छत्तीसगढ़ राज्य की आकृति
छत्तीसगढ़ राज्य की आकृति या यूं कहे कि छत्तीसगढ़ राज्य का आकार एक दरियाई घोड़ा के समान है इसको इंग्लिश में सी-हॉर्स भी कहा जाता है।
और इसका वैज्ञानिक नाम है हिप्पोकेंपस।
छत्तीसगढ़ का राजकीय प्रतीक वाक्य
Incredible Chattisgarh
भारत का प्रत्येक वाक्य से लिया गया है विश्वसनीय छत्तीसगढ़।
Gadhbo Nava Chattisgarh
गढबो नवा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ का राजकीय मिठाई
दोस्तों आप लोगो को छत्तीसगढ़ की राजकीय मिठाई भी पता होना चाहिए अगर आपको नहीं पता तो हम बता दे की छत्तीसगढ़ का राजकीय मिठाई पपची या पप्ची है।
यह पप्ची गेहू और चावल के आटे को मिला कर बनाई जाती है, जिसमे गेहू का आटा ज्यादा होता है चावल के मुकाबले।
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Very nice information