तो दोस्तों आज हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि उत्तर प्रदेश के राज्य प्रतीक चिन्ह क्या-क्या है या (Uttar Pradesh Ke Rajkiya Pratik Chinh) यूं कहें कि यूपी के राजकीय चिन्हों के बारे में बताएंगे।
अगर आप एक उत्तर प्रदेश राज्य मैं रहते हो तो आप लोगों को यह जानकारी बताना बहुत ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि आप उस राज्य में रहते हैं उनका तो सामान्य नॉलेज आप लोगों को होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह
और अगर आप एक उत्तर प्रदेश राज्य के स्टूडेंट हो या फिर किसी भी गवर्नमेंट एग्जाम्स या फिर सरकारी नौकरी की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हो तो इस तरह के क्वेश्चन आपके आने वाले एग्जाम में जरूर पूछे जा सकते हैं क्योंकि इस तरह के क्वेश्चन ओं को बहुत ही ज्यादा घुमा फिरा कर पूछे जा सकते हैं।
अगर आप लोगों ने यह पूरी तरीके से पढ़ पढ़ लोगे तो आपकी आने वाली एग्जाम्स के लिए कुछ मार्क्स यहां से जरूर कवर हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के राजकीय प्रतीक चिन्हों के बारे में बहुत सारे एग्जाम जैसे कि यूपी पुलिस यूपीएससी रेलवे इत्यादि एग्जाम में पूछे जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश का राज चिन्ह
हर एक राज्य का अपना एक राज्य सरकार का राज्य चिन्ह होता है वैसे ही उत्तर प्रदेश का भी एक राज्य चिह्न है। जो किसी भी सरकारी राज्य के स्टाम्प या मुहर के रूप में उपयोग किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के राज्य चिह्न गोले के आकार का है।
और गोले के अंदर एक धनुष (तीर कमान) है।
- और बीच में बहते हुए नदियों को दर्शाया गया है गंगा और यमुना नदी को और इन नदियों के बाएं और दाएं में दो मछलियों को भी दर्शाया गया है।
- और गोले के अंदर एक कार व शेप में उत्तर प्रदेश सरकार लिखा हुआ है।
- और नीचे की तरफ 2 स्टार अंदर के गोले के बाहर दर्शाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य का राजकीय पशु || Uttar Pradesh Ka Rashtriya Pashu
बारहसिंघा को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य पशु के रूप में अपनाया है।
बारहसिंघा की ऊंचाई लगभग 130 से 135 सेंटीमीटर होती है और इसका वजन लगभग 180 किलोग्राम के आस पास होता है।
- और बारहसिंघा के सिंघो की औसत लंबाई लगभग 75 सेंटीमीटर तक होती है।
- बारहसिंगा के सींग बहुसाखीय सिंग होते हैं।
- बारहसिंघा भारत में तीन स्थानों पर अधिकतर पाया जाता है उत्तर प्रदेश आसाम और मध्य प्रदेश राज्य में।
- बारहसिंघा अक्सर दलदल व कीचड़ वाले इलाकों में घास को चरने जाया जाता है।
- बारहसिंघा को विश्व के संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में भी इसको शामिल किया गया है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी || Uttar Pradesh Ka Rashtriya Pakshi
- सारस को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने राजकीय पक्षी का दर्जा दिया गया है।
- सारस अधिकतर नदियों तालाबों एवं कीचड़ वाले इलाकों में रहते हैं।
- सारस अधिकतर जलीय कीड़े मछली और जल में रहने वाले जीवो को खाते हैं।
- सारस इसका नाम क्रेन के नाम से लिया गया है यानी कि सारस के नाम से ही क्रेन का नाम रखा गया है,क्योंकि इसकी गर्दन बहुत ही ज्यादा लंबी होती है।
उड़ने वाले पक्षियों में है क्या सब पक्षी है जिसकी ऊंचाई अधिक होती है 6 फीट से 8 फीट तक होती है।
सारस अधिकतर केंद्रीय भारत नेपाल देश में और पाकिस्तान में पाए जाते हैं।
सारस का वैज्ञानिक नाम है ग्रुस एंटीगोन।
उत्तर प्रदेश की राजकीय मछली
- मोय या शीतल को उत्तर प्रदेश की राजकीय मछली का दर्जा दिया गया है।
- शीतल मछली को कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि मोई चिताला आदि।
शीतल मछली अधिकतर भारत की नदियों में पाई जाती है जैसे कि गंगा यमुना कोसी गोमती गेरुआ सतलज केन बेतवा यमुना ब्रह्मपुत्र नदियों में पाई जाती है।
शीतल मछली की लंबाई लगभग 150 सेंटीमीटर होती है और इसका वजन अधिकतम 14 किलोग्राम तक होता है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय पुष्प
पलाश के फूल को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने राजकीय पुष्प का दर्जा दिया गया है।
तलाश को कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि डाक टेसू आदि।
- पलाश के फूल नारंगी रंग के होते हैं और यह होली के आसपास यानी कि फरवरी से मार्च मैं पूरी तरीके से खिल जाते हैं और इनको देखने पर बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगते हैं।
- पत्तियों का उपयोग अधिकतर गांव में बहुत सारे ऐसे कार्यक्रमों में पत्तल के रूप में किया जाता था।
- और इसके औषधीय महत्व महत्व भी बहुत ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय वृक्ष
- अशोक के पेड़ को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया है।
- अशोक के पेड़ को स्थानीय लैंग्वेज में इसे सीता का पेड़ या फिर अशोक का पेड़ कहा जाता है।
- अशोक के पेड़ बहुत ही ज्यादा सघन पत्तियों से भरपूर होता है।
अशोक के पेड़ को अधिकतर हाईवे पर लगाया जाता है और स्कूलों मैं भी लगाया जाता है इस पेड़ की छाया बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है और यह बहुत ज्यादा फैला हुआ होता है जिसके कारण काफी ज्यादा एरिया में छांव देता है।
अशोक के पेड़ को अधिकतर आवासीय कॉलोनियों पर मंदिर आदि में लगाया जाता है।
उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय खेल / राजकीय खेल
हर राज्य का अपना एक राजकीय खेल होता है, जिसका राज्य स्तर पर उस खेल का बड़ा महत्त्व होता है उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय खेल या फिर यू कहे की राजकीय खेल तो उत्तर प्रदेश का राजकीय खेल हॉकी है।
उत्तर प्रदेश की राजकीय नदी
भारत के हर राज्य की अपनी एक राजकीय नदी है पर उत्तर प्रदेश की राजकीय नदी यमुना और गंगा है। जो की सभी राज्य से कुछ अलग है। क्योंकि उत्तर प्रदेश राज्य की दो राजकीय नदियाँ है।
उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा
उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा की बात करे तो यहाँ अलग अलग भाषाएँ बोली जाती है, पर उत्तर प्रदेश की राजकीय भाषा हिंदी है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय मिठाई
दोस्तों भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग पहचान तो हम बात कर रहे उत्तर प्रदेश की राजकीय मिठाई के बारे में जो की जलेबी है। रसभरी जलेबी को उत्तर प्रदेश ने अपनी राजकीय मिठाई चुना है।
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(FAQ) Frequently Asked Questions || People Also Ask
Uttar Pradesh Ka Rajkiya Pakshi
Uttar Pradesh Ka Rajkiya Pakshi Saras bird (सारस) hai.
Uttar Pradesh Ka Rajya Pakshi
Sarus Crane Uttar Pradesh Ka Rajya Pakshi Hai.
उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय पेड़ क्या है?
उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय पेड़ अशोक का पेड़ है।
यूपी का राजकीय फूल कौन सा है?
यूपी का राजकीय फूल पलाश के फूल ( मतलब की पलाश के पेड़ के फूल )
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